(रायपुर) कृषि संचालनालय के कृषि वैज्ञानिकों ने राज्य के किसानों को इस मौसम में खेती किसानी के लिए सलाह दी है कि वर्षा होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए खेतों में जल निकास की उचित व्यवस्था करें। लगातार बदली एवं वर्षा को देखते हुए दलहन तिलहन एंव सब्जी वाली फसलों में माहू (एफिड) के प्रकोप की आशंका है। इसके लिए सतत निगरानी रखे एवं प्रारंभिक प्रकोप दिखने पर नीम आधारित कीटनाशकों का छिडकाव करें।
वर्तमान मौसम को देखते हुए किसान अरहर की फसल की सतत निगरानी करे एवं प्रारंभिक प्रकोप दिखने पर अनुशंसित दवाओं का प्रयोग करें। सुरक्षित भण्डारण हेतु अनाज को अच्छी तरह से सुखाने के बाद ही रखें। भंडार गृह में पुराने व नए अनाज को मिलाकर नही रखें। भंडार-गृह कीट व चूहा-रोधी हो तो, भंडार-गृह के आसपास साफ-सफाई रखे व समय-समय पर अनाज की जांच करते रहना आवश्यक है। दिसम्बर माह के प्रथम सप्ताह में बोई गई गेहूं की मुकुट जड़ निकलने की अवस्था में होती है। यह अवस्था नमी एवं पोषक तत्वों की क्रांतिक अवस्था है। अतः किसान भाई नत्रजन उर्वरक की टॉपड्रेसिंग करें।
इसी तरह से सब्जियों एवं फलों की फसलों के लिए सलाह दी गयी है कि शीतकालीन सब्जियों के खेत में जल निकास की उचित व्यवस्था करें, कद्दूवर्गीय सब्जियों की अगेती फसल के लिए थैला में पौध तैयार करें, आम के उद्यान में जमीन से लगी शाखाओं एवं रोग बाधित शाखाओं की कटाई-छटाई का यह सही समय है।