(रायपुर) खेती-किसानी को बढ़ावा देने एवं किसानों में उत्साह वर्धन के लिए शुरू किए राजीव गांधी किसान न्याय योजना का असर अब दिखने लगा है। किसानों से मिली प्रतिक्रिया के अनुसार यह राशि न केवल उनका मनोबल बढ़ाएगी, बल्कि आगामी खरीफ फसल में भी यह मददगार साबित होगी।
जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा के प्रतिष्ठित किसान राणा दिनेश सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने अपना वादा निभाया। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण छोटे किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे समय में राजीव गांधी किसान योजना किसानों के लिए मददगार साबित होगी। आगामी खरीफ फसल के लिए किसान खाद, बीज और खेती से सबंधित अन्य जरूरत का समान खरीद सकेंगे। इससे किसानों का उत्साह बढ़ा है।
श्री दिनेश सिंह ने बताया कि उन्हें राजीव गांधी किसान योजना के तहत कुल एक लाख 76 हजार 456 राशि मिलनी है। प्रथम किश्त के रूप में 64 हजार 300 रूपए उनके खाते में जमा हो गए हैं। उन्होंने समर्थन मूल्य पर 257 क्विंटल धान बेचा था।
श्री दिनेश सिंह ने कोरोना पीड़ित परिवारों की मदद के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्राप्त हुई प्रथम किश्त की राशि में से मुख्यमंत्री राहत कोष में 5100 रुपए जमा करवाए हैं। इसी प्रकार जांजगीर-चांपा जिले के विकासखण्ड अकलतरा के ग्राम कोटगढ़ के किसान श्री परदेशी साहू ने बताया कि योजना के तहत प्रथम किश्त के रूप में मिली राशि का उपयोग खरीफ फसल की तैयारी करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार के इस निर्णय को किसान हितैषी बताते हुए आभार व्यक्त किया है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना से लाभान्वित इसी विकासखण्ड के ग्राम कोटगढ़ निवासी श्री अलखराम ने बताया कि उनके शामिलात खाते में साढ़े चार एकड़ कृषि भूमि है। उन्होंने करीब 70 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर बेचा था। राज्य सरकार ने वादे के अनुसार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत अंतर की राशि का भुगतान किया है। पहली किस्त मिल जाने से आगे खरीफ फसल की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न विपरित आर्थिक स्थिति में किसानों का मनोबल बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण भयावह बेरोजगारी की स्थिति निर्मित हो गई है। न्याय योजना से युवा वर्ग भी खेती किसानी के लिए रुचि लेने प्रेरित हो रहे हैं। किसानों के हित में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के क्रियान्वयन और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने के लिए उन्होंने राज्य सरकार का आभार माना।